Friday, December 23, 2011

शुक्र है..शुक्रवार है..#29 ________ (मुझे पीने से ना रोको)



मुझे जीने से ना रोको, ज़ख़्म सीने से ना रोको,
मुझे भी सांस लेने दो, मुझे पीने से ना रोको..

मैं गलता हूं तो गलने दो, मेरे दिल को भी जलने दो,
मेरी तुम ना करो परवाह, मुझे पीने से ना रोको..

तुम्हारे ही रिवाज़ों ने, तुम्हारे ही समाजों ने,
मुझे पीना सिखाया है, मुझे पीने से ना रोको..

उसे आने दिया तुमने, उसे छाने दिया तुमने,
उसे जाने से ना रोका, मुझे पीने से ना रोको..

ख़ुदा से ना डराओ तुम, मज़हब से ना बनाओ तुम,
ये सब तुमने बनाया है, मुझे पीने से ना रोको..

No comments:

Post a Comment