Wednesday, September 21, 2011

कुछ तो जवाब दे दे..



इस बार उर्दू के थोड़े मुश्क़िल लफ़्ज़ों का इस्तमाल किया है.. उनका मतलब रचना से पहले ही लिख़ रहा हूं.. ताकी पढ़ने में आसानी रहे.. :)
   
  आब :      Splendor        ||          शबाब : Youth
     सवाब :      Reward          ||          वाइस : Preacher
           अज़ाब :     Punishment   ||           बाब : Topic/Subject
   इज़्तराब :   Restlessness  ||          इंतख़ाब : Choice


खुशी दे रूह को, चेहरे को मेरे थोड़ा आब दे दे,
मेरे जीने की चाहत को-भी, थोड़ा सा शबाब दे दे,
तू बाक़ी कुछ भी दे, या ना दे, बस इतना रहम कर दे,
समझ भारी पड़े दिल पे मेरे, ऐसा सवाब दे दे..

ऐ वाइस, मुझको मेरी ज़िन्दगी का तू हिसाब दे दे,
गिना दे सब गुनाह मेरे, हर-इक का तू अज़ाब दे दे,
मुझे तड़पा, जला, या दे डुबा, जो करना है तू कर,
फ़टाफ़ट फ़ैसला दे, फिर ज़रा थोड़ी शराब दे दे..

मेरे महबूब कुछ तो गुफ़्तगू का, मुझको बाब दे दे,
मेरी कमियां गिना, रुस्वा हो, मुझको इज़्तराब दे दे,
बढ़ी ख़ामोशियां अक़्सर, ग़लत-फ़हमी बढ़ाती हैं,
सवालों का सवालों से सही, कुछ तो जवाब दे दे..

ख़ुदा दुनिया तेरी आए समझ, ऐसी किताब दे दे,
सभी को दे भला, और बस मुझे, जो हो ख़राब दे दे,
मेरी किस्मत में जो भी है लिखा, मुझसे बिना पूछे,
कमस्कम मौत के ज़रियो में-ही, कुछ इंतख़ाब दे दे..


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